रोला छंद मे एक रचना ।

#मुक्तक

शब्द श्रृंगार
आयोजन    मुक्तक लेखन
दिन            गुरुवार
दिनांक        29/3/ 18
विषय          स्वतंत्र
विधा           मुक्तक

उर   में   उठती  भावों  को  शब्दों  का परिधान दे।
फिर लेखक उस को मन से रूप गजल या गान दे। मोती   शब्दों   के   चुनता है पतरा पुटु की भाँति ।
लय  लवण  सा  घुला रहे  तो हर विधा में जान दे।

#सुनील_गुप्ता        सीतापुर      
#सरगुजा_छत्तीसगढ
#शब्द_श्रृंगार

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