रोला छंद मे एक रचना ।

Panchi


आयोजन      चित्र लेखन
तिथि         9 जनवरी
वार           मंगलवार
विधा        अतुकांत रचना
नींड़ में चहकते
चूजों को है इंतजार ।
उड़कर आएगी अभी
अभिभावक चिड़िया ........
चोंच में दाने दबाएं
डालेगी मुंह में
मिटेगी  भूख ..........!
कैसे जाती है उड़ कर
आती है उड़कर
फुर्र फुर्र।
बड़ा होने तो दो ......
हम भी उड़ेंगे अपने से
चुगेंगे दाना ।
परेशान नहीं करेंगे कभी .......
पर परेशान तो
होती होगी अभी...........
हमारे लिए!
चिड़िया आती है !
चूजों को चुगाती है दाना ।
चहकती है ।
फुदकती है ।
और जाती है फिर से.........
फुर्र ....         से।
#सुनील_गुप्ता         #सीतापुर
सरगुजाछत्तीसगढ     #हिन्दी_साहित्य

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