रोला छंद मे एक रचना ।

Ahshan ka karj


आदमी ने कुत्ते से कहा
 मैं तुम्हारी वफादारी
के अहसान का कर्ज ही चुका रहा हूं
 कि तुम्हें सूअर बकरी मुर्गे
की तरह काटकर
 नहीं खा रहा हूं।

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