रोला छंद मे एक रचना ।

दोहा सृजन (हास्य )

घोड़े सारे मर गए   ,कौन चना अब   खाय?
संसद में  सवाल उठा, खोजो   मीत उपाय।

अरे बांट दो जनता में ,खुश हो   जाएं लोग।
चने खाएँ शक्ति   मिले ,दूर     भगाए   रोग।

घोड़े जैसा   बल दिया  ,ताकत  से   भरपूर!
एक पल में ही दौड़ गए,जब वह कोसों दूर!

मोदी  बोले  रमन  जी, ढूंढो   कोई   उपाय !
घोड़े  जैसे सबल  का, ताकत भी घट जाय।

बोले    मोदी   से  रमन, बात सुनो सरकार ।
दारू   अड्डा  खोल  दो,  समय बढ़ा दो यार।

#सुनील_गुप्ता     सीतापुर
#सरगुजा_छत्तीसगढ

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